देश के 9 बड़े प्रसिद्ध व प्रमुख मंदिरों के बारे में, जिन्हें तोड़कर बनाई गई मस्जिदें


*🛕आइए जानें देश के उन 9 बड़े प्रसिद्ध व प्रमुख मंदिरों के बारे में, जिन्हें तोड़कर बनाई गई मस्जिदें* 
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*हर सनातनी को इस बारे में अवश्य ज्ञात होना चाहिए। तनिक समय निकाल पूरा अवश्य पढ़ें।*
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*🔊ये हैं वे 9 पूजा स्थल*

🛕 *1. अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर*

🛕 *2. श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थित केशव देव मंदिर (मथुरा)*

🛕 *3. काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी)*

🛕 *4. अटाला देव मंदिर (जौनपुर)*

🛕 *5. रुद्र महालय मंदिर (बटना- गुजरात)*

🛕 *6. भद्रकाली मंदिर (अहमदाबाद)कर्णावती*

🛕 *7. अदीना मस्जिद (पंडुवा- पश्चिम बंगाल)*

🛕 *8. विजय मंदिर (विदिशा - मध्यप्रदेश)*

🛕 *9. मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम, कुतुबमिनार (दिल्ली)*

*🔊आइए अब इन मंदिरों या धार्मिक स्थलों के बारे में जानें और कब इन मंदिरों को तोड़कर यहां मस्जिद का निर्माण किया गया।* 

🛕 *1. श्री राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद ( बहुत लंबे संघर्ष व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जो कि अब हल हो गया है)*

*अयोध्या स्थित राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को सबसे ऊपर था। देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था यहां है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म यहीं पर हुआ था।1528-29 में मुगल आक्रान्ता बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबर नाम पर यहां मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था। 1992 में लाखो कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को ढहा दिया, जिसके जवाब में कनवर्टेड मुस्लिमो ने मुंबई समेत देशभर में धमाके व दंगे किये थे। दशकों तक यह मामला कोर्ट में चला,अंत मे सत्य की विजय हुई।* 

🛕 *2. मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद*

*मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित केशव देव मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद भी चोटी के विवादों में आता है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित इस मंदिर को केशव राय मंदिर भी कहा जाता है और करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं इससे जुड़ी हैं। यहां के अराध्य स्वयं श्रीकृष्ण हैं और माना जाता है करीब 5000 साल पहले उनके पड़पौत्र वज्रनाभ ने ही यहां मंदिर बनवाया था। चंद्रगुप्त द्वितीय के समय भी यहां बड़ा मंदिर बनाया गया था। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय यहां दूसरा मंदिर बनाया गया, जिसे 1017 इसवी में महमूद गजनी ने तहस-नहस कर दिया। इसके बाद सन 1150 में विजय पाल देवा के शासन काल में जज्जा ने यहां तीसरी बार मंदिर बनाया। कहा जाता है कि चैतन्य महाप्रभु ने इसी मंदिर के दर्शन किए थे। चौथी बार ओर्छा के बीर सिंह देव बुंदेला ने मुगल बादशाह जहांगीर के समय यहां 33 लाख रुपये की लागत से एक मंदिर बनवाया। सन 1670 में मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला किया और इसे क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद मंदिर के भग्नावेशों के ऊपर एक मस्जिद का निर्माण कर दिया गया, जिसका नाम शाही ईदगाह मस्जिद रखा गया। करोड़ों लोगों के अराध्य कृष्ण की जन्मभूमि पर आज भी मस्जिद है। इसके बाद भी कई बार यहां मंदिर बनाने की कोशिश की गई।*

 🛕 *3. काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद*

 *वाराणसी में गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट के उत्तर में ललिता घाट के पास मुगल आक्रान्ता औरंगजेब ने 1669 इसवी में एक और हिंदू मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद बनवाई। इस मस्जिद का नाम ज्ञानवापी मस्जिद है। वाराणसी शहर के बीच में स्थित यह एक मस्जिद है। यहां मस्जिद की दीवारों पर मंदिर के अवशेष साफ दिखायी देते हैं।  मौजूदा मस्जिद ही पूर्व में असली काशी विश्वनाथ मंदिर था। यहां आपको बता देना सही रहेगा कि यहां के मंदिर को कई बार तोड़ा और बनाया गया। औरंगजेब ने जिस मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद बनवाई उसके बारे में मान्यता है कि अकबर के समय में इसे राजा मान सिंह ने बनवाया था। बता दें कि मौजूदा काशी विश्वनाथ मंदिर सन 1780 में अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया है, जो विवादित स्थल से जुड़ा हुआ है। इतिहासकारों को भी ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे की दीवार पर किसी पुराने मंदिर के निशान दिखायी दिए हैं, जिसके बारे में जानकारों का मानना है कि यह पुराना काशी विश्वनाथ मंदिर है।*

🛕 *4. अटाला देव मंदिर, जौनपुर*

*जौनपुर में अटाला मस्जिद का निर्माण अटाला देव मंदिर के भग्नावेशों पर किया गया है। यहां स्थित प्राचीन मंदिर को इब्राहिम ने सन 1364 में तुड़वाया और सन 1377 में यहां मस्जिद का निर्माण शुरू हुआ और 1408 में यह मस्जिद बनकर तैयार हुई। मस्जिद निर्माण से पहले यहां अटाला देवी का मंदिर था और मंदिर तोड़े जाने के बाद देवी माँ की पूजा-अर्चना लगभग बंद हो गई। इस मस्जिद की बाहरी दीवारें बदली गई हैं। लेकिन अंदर की दीवारों, पिलरों आदि पर अब भी राजा विजय चंद्र द्वारा बनवाए गए हिंदू मंदिर की छाप साफ दिखायी देती है।*

🛕 *5. रुद्र महालय मंदिर, बटना (गुजरात)*

*रुद्र महालाय मंदिर या रुद्रमल मंदिर के भग्नावशेष गुजरात में पाटन जिले के सिद्धपुर में हैं। चौलुक्या राजवंश के मुलाराजा ने इस मंदिर का निर्माण सन 943 में शुरू करवाया था और 1140 में जयसिम्हा सिद्दराजा के कार्यकाल में यह निर्माण पूरा हुआ। पहले अलाउद्दीन खिलजी और बाद में अहमद शाह प्रथम ने 1410-44 के बीच इस मंदिर को अपवित्र किया,तुड़वा दिया। यही नहीं मंदिर के कुछ हिस्से को तोड़कर यहां जामा मस्जिद भी बनवा दी गई। मंदिर से जुड़े कई अवशेष आज भी यहां मौजूद मस्जिद में दिखायी देते हैं।*

🛕 *6. भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद(कर्णावती) (गुजरात)*

*अहमदाबाद (कर्णावती) स्थित जामा मस्जिद का निर्माण 1424 में अहमद शाह द्वारा करवाया गया था। इस मस्जिद को लेकर भी बड़ा विवाद है। यह मस्जिद जिस स्थान पर बनायी गई है, वहां पहले हिंदू देवी भद्रकाली का मंदिर था। विभन्न काल में अहमदाबाद का पुराना नाम भद्रा, कर्णावती, राजनगर और असावल रहा है। बाद में मुस्लिम शासकों के काल में यह नाम बदलकर अहमदाबाद कर दिया गया। इस शहर का नाम भद्रा यहां की देवी भद्राकाली के नाम पर ही रखा गया था। भद्रकाली का मंदिर यहां पर मालवा (राजस्थान) के परमार राजाओं ने करवाया था, जिन्होंने 9वीं से 14वीं सदी तक यहां राज किया था।*

🛕 *7. अदीना मस्जिद, पंडुवा (पश्चिम बंगाल)*

*पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में स्थित अदीना मस्जिद भी अब जीर्ण-शीर्ण हालत में है। बांग्लादेश बॉर्डर के करीब बनी यह मस्जिद एक समय भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिद रही होगी। 14वीं सदी की यह मस्जिद बंगाल सल्तनत की खास मस्जिद थी। मस्जिद के यह खंडहर यहां के पुराने शहर पंडुआ में हैं। बंगाल सल्तनत में इलयास शाही राजवंश के दूसरे सुल्तान सिकंदर शाह के काल में इस मस्जिद का निर्माण हुआ था।  यह मस्जिद हिंदू-बौद्ध मंदिर और मौनेस्ट्री के भग्नावशेषों पर खड़ी की गई थी। इसकी बाहरी दीवारों पर मंदिर के अवशेष साफ दिखते है।*

🛕  *8. विजय मंदिर, विदिशा (मध्यप्रदेश)*

*वीजामंडल मस्जिद जो कि असल मे विजय मंदिर यह विदिशा की पहचान है। विजय मंदिर की गणना देश के विशालतम मंदिर परिसरों में होती है। माना जाता है कि चालुक्यवंशी राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री वाचस्पति ने विदिशा विजय को चिरस्थायी बनाने के लिए यहां भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का विशाल मंदिर बनवाया था। परमार शासकों ने 10-11वीं सदी में इस मंदिर का पुनर्निमाण करवाया। 1233-34 से यह मंदिर तोड़फोड़ और लूटपाट का निशाना बन गया। 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने तो इस मंदिर को तोपों से उड़ाकर इसके पत्थरों से मिनारें बनायीं और मंदिर को मस्जिद में बदल दिया। गुलाम अल्तमश से लेकर अलाउद्दीन खिलजी, महमूद खिलजी, बहादुर शाह और औरंगजेब तक तमाम मुस्लिम शासकों ने विजय मंदिर पर हमला किया।*

🛕 *9. मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम,कुतुबमिनार (विष्णु स्तंभ) दिल्ली*

*दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब कॉम्पलेक्स दिल्ली सल्तनत की निशानी के तौर पर आज भी मौजूद है। दिल्ली सल्तनत ने यहां लाल कोट (27 हिंदू और जैन मंदिर) के भग्नावेशों के ऊपर इस कुतुब कॉम्पलेक्स को बनाया था। बता दें कि 739 इसवी में तोमर वंश के अंगपाल और पृथ्वीराज चौहान ने यहां मंदिर बनवाए थे। इस कॉम्पलेक्स में स्थित कुतुब मिनार को कुतुबद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर कुतुब-उ-दीन ऐबक ने बनाया था जो कि विष्णु स्तंभ के अवशेषों से बना है । जो बाद में ममलुक राजवंश से दिल्ली का पहला सुल्तान भी बना। उसके उत्तराधिकारी इल्तुमिश और बाद में तुगलक राजवंश के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने 1368 में बाद में इस कार्य को आगे बढ़ाया।*

*🔊नोट:- फ़र्ज़ी गंगा जमनी तहजीब की एवं भाईचारे की दुहाई देकर हिन्दुओ को मुर्ख बनाने वाले आजतक एक बार भी आगे आकर ये नही बोले कि हमने तो मजहब के नाम पर देश बना लिया अब आपके यह मंदिर आपको पुनः सौपते है जहाँ कि विदेशी लूटेरे इस्लामिक आक्रांताओ द्वारा मस्जिद कों बनाया गया था। ये कनवर्टेड लोग ऐसा कभी नही बोलेंगे।*

*🔊यह तो मात्र 9 मंदिर हैं ऐसे 30 हजार मंदिर तोड़ मस्जिदें बनाई गई थी क्यूंकि इस्लाम में मूर्तिपूजा पाप हैं अतः है हिन्दुओं उठो और अपने मंदिरों कों पुनः प्राप्त करों

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