मोदी सरकार के साहसिक फैसले


*शुरू से ही साहसिक फैसले लेती रही है केंद्र सरकार―*

*कार्यशैली* : *पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र ने 2015 से ही कड़े निर्णय लेना शुरू कर दिया था दो फैसले वापस लेने पड़े जबकि अधिकांश पर कायम रही ...*…
 कृषि सुधार कानूनों पर भले ही केंद्र सरकार को पाँव वापस खींचने पड़े हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अब तक के करीब सात साल के कार्यकाल में कुछ कड़े फैसले लिए और उन पर कायम भी रही; 2014 में सत्ता की बागडोर संभालने के बाद मोदी सरकार ने साहसिक फैसले लेने का काम शुरू किया *...*…

*2015 में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से शुरू हुआ यह सिलसिला 2020 में कृषि सुधार कानूनों तक पहुंचा* अपने कुछ फैसलों पर सरकार अडिग रही लेकिन कुछ पर उसे अन्य राजनीतिक दलों और संगठनों से अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने के कारण पीछे भी हटना पड़ा *आइए देखें कौन से कड़े फैसले मोदी सरकार ने लिए और उन पर देश में क्या प्रतिक्रिया रही ...*…

♀ *2015 : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश~*

शासन संभालने के पहले ही साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने देश में भूमि अधिग्रहण से संबंधित एक अध्यादेश पारित किया जिसमें 2013 के संप्रग सरकार के भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधनों को मंजूरी दी गई *...*…

*इसके अंतर्गत* राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कार्य, रक्षा उत्पादन, ग्रामीण आधारभूत संरचना विकसित करने, देशवासियों के लिए सस्ते आवासों का निर्माण, तीव्र विकास के लिए औद्योगिक गलियारा बनाने एवं सार्वजनिक-निजी परियोजनाओं पर सामाजिक उद्देश्य के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की बात थी हालांकि विपक्ष ने इसका प्रबल विरोध किया जिसके बाद केंद्र सरकार को यह अध्यादेश वापस लेना पड़ा।

♂ *2016 : नोटबंदी~*

8 नवंबर 2016 को देर रात टेलीविजन पर पीएम ने संबोधन में बताया कि देश में रात 12 बजे से *पांच सौ* व *एक हजार के नोट* का चलन बंद किया जा रहा है *यह देश के 135 करोड़ लोगों से सीधे जुड़ा ऐतिहासिक फैसला था ...*…

विरोध भी हुआ व लोगों ने पीएम का समर्थन भी किया *कुछ दिन की परेशानी भी लोगों को झेलनी पड़ी* लेकिन सरकार अपने फैसले पर डटी रही और कुछ समय में स्थिति सामान्य हो गई।

♀ *2019 : अनुच्छेद 370 व 35ए~*

प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकता कानून के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का अहम फैसला लिया *सरकार ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया ...*…

इस फैसले का भी जमकर विरोध हुआ और आज भी कश्मीर के नेता इसे वापस लेने की मांग कर रहे है।

♂ *2019 : नागरिकता संशोधन कानून~*

नोटबंदी के तीन साल बाद मोदीऔ सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लागू करने का बेहद साहसिक फैसला किया *कृषि कानूनों की तरह इसके विरोध में भी प्रदर्शन* आंदोलन *हुए ...*…

इस कानून के तहत पड़ोसी देशों से आने वाले शरणार्थियों में मुस्लिमों को भारत की नागरिकता न दिए जाने का प्रविधान किया गया *संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताया* लेकिन केंद्र सरकार अपने इस निर्णय पर कायम है।

♀ *2020 : कृषि सुधार कानून~*

देश के कृषि क्षेत्र को विकास की राह पर डालने के लिए मोदी सरकार ने *साल 2020 में तीन नए कृषि कानून पारित कराए* जिनसे कृषि में निजी क्षेत्र का प्रवेश आसान हो गया *सरकार का मंतव्य इन कानूनों के जरिये* किसानों की आय बढ़ाना, बिचौलियों का वर्चस्व तोड़ना और बाजार तक किसानों की पहुंच सुलभ करना था *लेकिन इन कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमा पर आंदोलन हुआ* पंजाब में इनका सबसे अधिक विरोध हुआ और आखिरकार पीएम ने कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही।

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