कोविड रोधी टीकों का निर्यात

कोरोना रोधी टीके का निर्यात बहाल होना यही बताता है कि देश में पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध हैं *घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए टीकों के निर्यात में हर्ज नहीं* वैसे भी टीकों का एक बड़ा उत्पादक देश होने के नाते भारत की कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं भी हैं *भारत ने अपनी इन प्रतिबद्धताओं का पालन इसके पहले भी किया है* अप्रैल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के पहले भारत ने करीब सौ देशों को टीके उपलब्ध कराए थे *...*…

यह उल्लेखनीय है कि एक ऐसे समय कोविड रोधी टीकों का फिर से निर्यात होने जा रहा है *जब कई विदेशी कंपनियों के टीकों का भारत में उत्पादन संभव नहीं हो पाया* कहना कठिन है कि आगे यह संभव हो पाएगा या नहीं लेकिन भारत को टीका उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ाना जारी रखना चाहिए *इसी के साथ टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर देना चाहिए* क्योंकि उसमें अपेक्षित तेजी नहीं आ रही है *...*…

देश ने करीब दो सप्ताह पहले सौ करोड़ टीके लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया था *यह एक बड़ी उपलब्धि थी* लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद टीकाकरण की रफ्तार धीमी होती हुई दिखाई दी है *इसका एक कारण त्योहार हो सकते हैं* यह सही समय है कि केंद्र और राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि त्योहार टीकाकरण की रफ्तार को कम न करने पाएं *देश के उन इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए* जहां टीकाकरण की गति अपेक्षा से कम है *...*…

*अभी हाल में प्रधानमंत्री ने देश के 48 जिलों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की पहल की* ये वे जिले हैं *जहां टीकाकरण की गति धीमी है* ऐसे और इलाकों की पहचान की जानी चाहिए *इसमें राज्य सरकारों को विशेष सक्रियता दिखानी होगी* केंद्र सरकार को राज्यों को टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिदिन कम से कम 60-70 लाख टीके तो लगे हीं निःसंदेह यह तभी संभव हो पाएगा *जब लोग भी टीका लगवाने के लिए आगे आएंगे ...*…

यह ठीक नहीं कि करीब दस करोड़ लोग ऐसे हैं *जिन्होंने टीके की दूसरी खुराक समय पर नहीं ली* अब जब पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध हैं और इस कारण भी उनका निर्यात बहाल किया जा रहा है *तब इसका कोई औचित्य नहीं कि पहले के मुकाबले कम टीके लगे* लोगों को टीके लगवाने में तत्परता दिखाने के साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर भी सावधान रहना चाहिए *क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है और इसी कारण बच्चों और किशोरों के टीकाकरण के प्रबंध किए जा रहे हैं !!!!!!!!!*

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