क्या सात सौ किसान मर गए?

*तथाकथित किसान आन्दोलन में तथाकथित किसान मरें―*

*क्यों मरें?*

*कैसे मरें?*

*किसने मारा?*

*मारने वाला कोन था?*

*मारने वाले के पास कोन सा हथियार था !?!?!?!?!?*

*एक सार्थक विश्लेषण―*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

सात सौ किसान मर गए?
*किधर मरें*? कब मरें? *कहाँ मरें*? क्यों मरें? *किसने मारें???*

यदि धरना स्थल पर मरें तो वहाँ कैसे मरें?

गर्मी से मर नहीं सकते क्योंकि तुमने *टेन्ट में एसी लगवाया था ...*…

खाए बिना मर नहीं सकते *क्योंकि तुमने वहां काजू बादाम के हलवे से लेकर चिकन बिरयानी* तक की व्यवस्था करवा रखी थी *...*…

बिना काम किए शरीर दर्द से भी नहीं मरे होंगे क्योंकि तुमने *मसाज मशीन लगवा रखा था ...*…

काम कर करके भी नहीं मर सकते क्योंकि तुमने वहां पर *कपड़े धोने के लिए धोबी तक लगा रखे थे ...*…

ठण्ड की भी कोई बात नहीं क्योंकि *गर्म पानी के साथ* रजाई, कम्बल, हीटर सबकी व्यवस्था थी *...*…

और कुछ जगह तो शरीर की थकावट उतारने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की व्यवस्था भी थी *कहो तो विडीयो भेज दें ...*…

*फिर मरें क्यों !?!?!?!?!?*

हो सकता है कुछ अधिक दारु पी के मर गए हों और कुछ सूंघ के मर गए हो *लेकिन तथाकथित किसान के मरने का समाचार तो कहीं आया नहीं ...*… 

बल्कि तथाकथित किसान के लोगों को सेवा में मजदूरों के मारने का समाचार जरूर आया *...*… 

*किसान ने जिन्दा जला दिया ...*…

किसान ने हाथ पैर काटकर मार दिया *...*…

*और तो और .........*……

किसान ने बलात्कार किया *...*…

*अरे धूर्त सुअर राकेश टिकैत*! इसका उत्तर कौन देगा?

ना कहीं सरकारी क्रय बंद हुआ था और ना ही कहीं मण्डी फिर किसान को मरने की लालसा क्यों जगी???

*देश* किसान के नाम पर *यह बकवास* एक वर्ष से अधिक समय से सुन रहा है *...*…

तुम किसान हो तो इसका अर्थ यह नहीं कि राष्ट्र के प्रति तुम्हारा कोई उत्तरदायित्व नहीं *...*…

कभी आतंकवादियों का समर्थन *तो* कभी पाकिस्तान का समर्थन *कहीं* कनाडा में भारत विरोधी नारा तो *कहीं* इंग्लैण्ड में भारत विरोधी नारा *...*…

*👉🏼👉🏼👉🏼 देश के साथ गद्दारी का नाम किसान नहीं होता 👈🏼👈🏼👈🏼*

वास्तविकता तो यह है कि तुम किसान हो ही नहीं *क्योंकि मेरे देश का किसान* न हत्यारा है *न बलात्कारी* और ना ही राष्ट्रद्रोही *...*…

तुम्हारा यह विदेश प्रायोजित आंदोलन भारत की कृषि अर्थ व्यवस्था की बढ़त को रोकने के लिए है *...*…

भारत का पहला आंदोलन जिसमें काजू किशमिश बादाम देसी घी कबाब खाकर और शराब पीकर 750 लोग मर गए और सरकार को पता भी नहीं चला *...*…😮😮

इस तथाकथित किसान आन्दोलन में *शहीद* नाम को इतना बदनाम कर‌ दिया की पूछों ही मत इन सुअरों से🐗🐗 *...*…

एक फौजी जब देश पर जान न्योछावर कर देता था तो उसे शहीद कहा जाता है *हृदय में सम्मान का भाव होता था* मगर शराबियों, हत्यारों, बलात्कारियों, देश विरोधी देशधातियों को शहीद बोल बोलकर *शहीदों का अपमान किया जा रहा है.

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