सावधान🚨 "अफगानिस्तानी एक षड्यंत्र"
👉अफगा-निस्तान में इधर उधर भाग रहे, जहाज पर चढ़ने की कोशिश कर रहे लोगों को देखकर जिन्हे बड़ी दया आ रही है उन्हे बता दें कि अफगा-निस्तान पर तालि-बान के टेकओवर से बहुत पहले 2013 में Pew के एक सर्वे के अनुसार अफगा-निस्तान के:
📌99% लोग श-रिया कानून के पक्ष में थे!
📌96% लोग दूसरों को इ-स्लाम में कन्वर्ट करने के पक्ष में थे।
📌94% लोगों का कहना था की पत्नी हमेशा पति की आज्ञा मानने के लिए बाध्य होनी चाहिए।
📌85% लोगों ने कहा व्यभि-चारियों को पत्थरों से मारना चाहिए।
📌79% लोग इ-स्लाम छोड़ने वालों को मृत्युदंड के पक्ष में थे।
📌39% लोगों ने आत्मघाती हमलों को जायज ठहराया था।
📌61% लोग श-रिया को मु-स्लिम और नॉन मु-स्लिम दोनो के लिए लागू करने के पक्ष में थे।
🔥अब तालि-बान उन्हे यही सब दे रहा है, तो वे अपना मु-ल्क छोड़कर दूसरे देशों में घुसने का प्रयास क्यों कर रहे है? कहीं ये दा-रुल इ-स्लाम को लेकर एक बड़ा षड्यंत्र तो नहीं? 🧐
☝🏻सम्पूर्ण विश्व को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है!
🤨पहले तो ये शर-णार्थी बनकर आपके देश में घुसेंगे, फिर धीरे धीरे अपनी आबादी बढ़ाएंगे, जिस दिन इनकी आबादी अच्छी खासी हो जायेगी उस दिन उस देश में भी श-रिया लागू करने के लिए आतं-कवाद, जि-हाद फैलाएंगे और कहेंगे सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का __ थोड़ी है!
हमें रिफ्यूजी कार्ड दो, बसाओ व नौकरी का अधिकार भी’: दिल्ली में अफगानी शरणार्थियों का प्रदर्शन, भारत में 21,000 है संख्या
🤨अफगानी शरणार्थियों ने कहा कि उनके पास अब अपने मुल्क लौटने का कोई कारण ही नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अफगान शरणार्थियों के पास नौकरी व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं।
🔥अफगानिस्तान के कई शरणार्थियों ने नई दिल्ली में ‘संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर फॉर रेफ्यूजीज’ के सामने जाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने माँग की कि सभी शरणार्थियों को रिफ्यूजी कार्ड दिए जाएँ। साथ ही उन्होंने किसी विकासशील देश में उन्हें बसाए जाने की योजना लाने की भी माँग की। अपने मुल्क में तालिबान की प्रताड़ना से बच कर आए अफगान शरणार्थियों ने ‘यूनाइटेड नेशंस कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (UNHCR)’ व भारत सरकार से सुरक्षा का आश्वासन भी माँगा।
🔥अफगानी शरणार्थियों ने कहा कि उनके पास अब अपने मुल्क लौटने का कोई कारण ही नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अफगान शरणार्थियों के पास नौकरी व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं।
🤨अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कई अफगान नागरिकों को अपने जान का खतरा है और वो मुल्क छोड़ कर भाग रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत सरकार यहाँ आने की आने की इच्छा रखने वालों को आपात स्थिति के तहत वीजा दे सकती है, जो पहले 6 महीने के लिए वैध रहेगा। ऑनलाइन याचिकाओं पर नई दिल्ली में विचार किया जाएगा। हालाँकि, भारत ने यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।