Kya Talibaan Ka Dushparinaam Anye Desho Ko Bhi Bhugtna Padega?

 इस्लाम : कट्टरता का खतरा―

हर गुजरते दिन के साथ स्पष्ट होता जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दुष्परिणाम इस देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में भी देखने को मिल सकते हैं इसका कारण यह है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से दुनिया भर के इस्लामिक आतंकी संगठनों का दुस्साहस बढ़ा है और वे अपने दुस्साहस का प्रदर्शन भी कर रहे है ...…

भारत और खासकर कश्मीर में ऐसे संगठन उत्साहित हो रहे हों तो हैरानी नहीं वैसे भी यह शुभ संकेत नहीं कि भारत में मुख्यधारा के कई लोग तालिबान की तारीफ करने में लगे है इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि ऐसे लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से चरमपंथी संगठनों को उकसाने में भी जुट गए है ...…

पिछले दिनों ही महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर की तुलना अफगानिस्तान से कर दी उनके अलावा कई अन्य ऐसे लोग भी सामने आ गए है जिन्हें तालिबान में कोई खामी नहीं दिखती भारत सरकार को विष वमन कर रहे इन तत्वों से सावधान रहने के साथ ही यह भी देखना होगा कि पाकिस्तान की सरकार और उसकी सेना अफगानिस्तान में उपजे हालात का फायदा उठाकर कश्मीर में आतंकवाद को नए सिरे से भड़काने की कोशिश न करने पाए ...…

भारत सरकार इस तथ्य को ओझल नहीं कर सकती कि कश्मीर में आतंक मचाते रहे जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठन तालिबान के सहयोगी है सच्चाई यह भी है कि कश्मीर में खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के झंडे लहराने वाले सक्रिय रहे है ...…

बीते कुछ समय से ऐसे संगठन अवश्य ही दुबके दिख रहे हैं लेकिन वे सिर उठाने की कोशिश करते रहते है ऐसे संगठनों को तालिबान के उभार ने नई ताकत दी है और वे पूरे विश्व में शरिया आधारित शासन व्यवस्था जबरन लागू करना चाहते हैं यदि विश्व समुदाय यह नहीं चाहता कि चरमपंथी इस्लामिक संगठनों का दुस्साहस बढ़े तो उसे उनके खिलाफ सख्ती के साथ पेश आना व तालिबान के प्रति भी कठोर रवैया अपनाना होगा ...…

इस रवैये का परिचय भारत सरकार को भी देना होगा इसलिए और भी क्योंकि कश्मीर में आतंकवाद के नए सिरे से सिर उठाने की आशंका बढ़ गई है भारत को अब सतर्कता बरतनी होगी न केवल सुरक्षा के मोर्चे पर बल्कि सामाजिक मोर्चे पर भी केंद्र सरकार के साथ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को राज्य के उन लोगों के बीच अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी जिनकी नाराजगी का लाभ आतंकी संगठन उठा सकते है जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह जो कहा कि इस राज्य के बारे में भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है उसकी पूर्ति किए जाने का समय आ गया है !!!!!!!!!

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