क्या आतंक का पर्याय पाकिस्तान है?

यह अच्छा हुआ कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए यह कहा कि वह अपने यहां सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे ...…

क्या आतंक का पर्याय पाकिस्तान है?

खास बात यह रही कि भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से आतंकवाद का जिक्र किए जाने पर उन्होंने अपनी ओर से पाकिस्तान का नाम लिया इससे यही साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पर्याय बन गया है ...…

यह पिछले दिनों बार-बार तब साबित भी हुआ जब उसने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की सराहना की कमला हैरिस के पहले अमेरिकी विदेश मंत्री भी यह कह चुके हैं कि अमेरिका आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में पाकिस्तान की भूमिका की जांच करेगा ...…

उम्मीद की जाती है कि पाकिस्तान के मामले में जैसे विचार अमेरिकी विदेश मंत्री और वहां की उपराष्ट्रपति ने रखे वैसे ही विचार राष्ट्रपति ‛जो बाइडन’ भी व्यक्त करेंगे बावजूद इसके महत्वपूर्ण यह नहीं है कि पाकिस्तान को लेकर और खासकर आतंकवाद को बढ़ावा देने और किस्म-किस्म के आतंकी सरगनाओं को पनाह देने की उसकी नीति के बारे में अमेरिका क्या कहता है? महत्वपूर्ण यह है कि वह जैसा कहता है वैसा करता है या नहीं? यह इसलिए क्योंकि एक अर्से से अमेरिका यह जान रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के नाम पर उसे संरक्षण और समर्थन दे रहा है अमेरिका इससे भी अवगत है कि पाकिस्तान ने कई मौकों पर खुद उसे अमेरिका को धोखा दिया है लेकिन इसके बाद भी उसने कभी उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की इससे पाकिस्तान का दुस्साहस बढ़ता गया और उसने नीतिगत स्तर पर आतंकवाद को समर्थन देना शुरू कर दिया ...…

अमेरिकी नेता पाकिस्तान के बारे में कुछ भी कहें हकीकत यह है कि बीते तीन-चार दशकों में उन्होंने पाकिस्तान की गैर जिम्मेदाराना हरकतों की अनदेखी ही की है इसी कारण वह पहले आतंक का अड्डा बना और फिर चोरी की तकनीक हासिल कर परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र ...…

इसमें अमेरिका की अनदेखी का भी हाथ है इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि अमेरिका यह महसूस कर रहा है कि पाकिस्तान ने तालिबान के तमाम नेताओं को न केवल पाला-पोसा क्योंकि सवाल यह है कि आखिर वह उसके खिलाफ कार्रवाई क्या कर रहा है? जब तक भारत को इसका सही जवाब नहीं मिलता तब तक वह अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस या विदेश मंत्री के बयानों से संतुष्ट नहीं हो सकता !!!!!!!!!

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