कहीं आप बाजार की चीजों में थूक, मूत्र और मानव मल के साथ बिमारियां तो नहीं खा रहे..
काफिर और दीन में बंटी दुनिया में दीन यही कर रहा है.....
आपको बहुत पढा-लिखा, उच्च पद पर बैठा और सम्मानित दिखने वाला मुस्लिम पहले अपने दीन के अनुसार काफिर का ईमान खराब करके अपना मजहबी कर्तव्य पूरा करता है...
पद्मश्री से सम्मानित, सो कॉल्ड महान, लिबरल और फेमेनिस्ट्स की आँखों की तारा रहीं उर्दू लेखिका इस्मत चुगतई का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूँ जनपद में 1915 में व उसकी मृत्यु 1991 में हुई !
वो अपनी ऑटो बायोग्राफी 'कागजी है पैरहन' में लिखती है कि जब भी जन्माष्टमी आती है, वह अपनी हिन्दू मित्र एक लाला जी की बेटी को चुपके, चोरी व धोखे से गोश्त खिला देती थी!
इस कृत्य से उसे बहुत आत्मसंतोष व न जाने कौन सा जज्बा तसल्ली पाता था। आगे लिखती हैं कि इस्लाम में बुतशिकनी (मूर्ति तोड़ना) जायज व बुत परस्ती (मूर्ति पूजा) हराम है। इसलिए जन्माष्टमी में कृष्ण मूर्ति को देखकर मुझे बहुत पीड़ा होती थी, इसलिए मैं मुर्ति को चुरा लेती थी?...
सोचिए, एक लेखक जो समाज के लिए पथ प्रदर्शक होता है, यदि वह अपनी उन्मादी कट्टरपंथी जिहादी सोच को कलम में उतारता है तो समाज ओर देश के लिए कितने खतरनाक हो सकता है !
आप कैसे अपने किसी मित्र का विश्वास तोड़ सकते हैं, जो आपके यहां आप पर विश्वास करके खाना खा लेता था यह जानकर भी कि आप गोश्त खाते हैं। उसकी कितनी निर्मल, पवित्र व प्रबल दोस्ती की भावना होगी, और एक आप हैं कि आपका जज़्बा उसके विश्वास को खंडित करके सुकून पाता था!
ऐसा ही एक प्रकरण ग्रेट ब्रिटेन के एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट व्यवसायी अरबपति मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद भट्टी का प्रकाश में आया है, जो गैर-मुस्लिमों के भोजन में मानव मल मिलाकर खाना परोसते थे, अब वे जेल में बंद हैं, इसपर डेली मेल की विस्तृत रिपोर्ट -
भारत में सब्जी में थूकने और पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन ब्रिटेन में यहा से भी बहुत ज्यादा था। यहां एक रेस्टोरेंट के मालिक मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद भट्टी गैर-मुसलमानों को मानव मल में मिला हुआ खाना खिला रहे थे.
मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद भट्टी लंबे समय से ब्रिटेन के नॉटिंघम में होटल चला रहे थे। इस रेस्टोरेंट में लोग बैठकर खाना खाते थे और पैक करके घर ले जाते थे।
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक उनके करीब 50 ग्राहकों ने डॉक्टरों को अलग-अलग तरह के संक्रमण के बारे में बताया, जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि सभी को फूड प्वाइजनिंग है, जांच में पता चला कि इन लोगों ने जो खाना खाया था, उसमे मानव मल निहित था। 13 साल की बच्ची को हुआ ऐसा संक्रमण कि उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा, डॉक्टरों ने बड़ी मशक्कत से बचाई जान!
जांच में पता चला कि सभी बीमार लोगों में एक बात समान थी और वह यह कि उन सभी ने ब्रिटेन के नॉटिंघम में खैबर पास कबाब की दुकान से खाना खरीदा था। तभी जांच टीम अचानक इस होटल में भी पहुंच गई और पका हुआ खाना जब्त कर लिया गया तो पता चला कि इसमें भी मानव मल मिला हुआ है!
यह भी पता चला है कि होटल में दो अलग-अलग जगहों पर खाना बनाया जा रहा था, एक साफ खाना बना रहा था और दूसरा मानव मल से, ये पागल अपने धर्म के अलावा सभी लोगों को मानव मल युक्त खाना खिलाते थे. !
समझने वाली बात यह भी है कि ब्रिटेन में भी जमजमी तहजीब अपना रंग दिखा रही है। एक और बात एक बार फिर साबित हो गई कि ये लोग शरण और जीवन यापन का माध्यम प्रदान करने वाले देश का भी अहसान नहीं मानते हैं, बल्कि वहां के लोगों से घृणा करते हैं !
एक तरफ बुद्धिजीवी उच्च शिक्षा प्राप्त वर्ग की प्रतिनिधि इस्मत चुगतई और अरबपति बिटेन के होटल मालिकों मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद भट्टी का यह हाल है, तो दूसरी ओर गरीब व मध्यम वर्गीय मदरसा छाप वालों का क्या हाल होगा?
इसलिए सावधान रहें
धर्मनिरपेक्ष नहीं धर्मप्रेमी बनिए याद रखें धर्म सुरक्षित रहेगा तभी आप सुरक्षित रहेंगे !