विचारो का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है. विचार ही हमारा भविष्य तय करते है. विचारो के ऊपर बहुत कुछ निर्भर करता है.
-कोरोना, डेंगू और विकास
-विपति चाहे कितनी बड़ी हो फ़िर भी सीखना न छोड़े ।
-कुछ नया जरूर पढे या सुने खासतौर पर कोरोना से कैसे बचे, डेंगू से कैसे बचें , इस बारे ज्यादा से ज्यादा सीखे और दृढ़ता से पालन करें ।
-जैसे विचार होते है वैसे ही बोल होते है, जैसे बोल होते है वैसे ही व्यवहार और कर्म होता है ।
-अगर संकल्प नाकारात्मक है तो बोल और कर्म भी नाकारात्मक होगे ।
-संकल्प शुध्द और सकरात्मक है तो बोल और कर्म भी शुध्द और सकरात्मक होगा ।
-आजकल कोरोना तथा अन्य समस्याओं के बारे संसार मेंं भय फैल रहा है़ । सारा दिन भय और विरोध प्रदर्शन के समाचार सुनने से आप को निराशा आ सकती है़ ।
- अगर मन मेंं भय, चिंता और अशांति के विचार रखेंगे तो मानसिक अशांति , पारिवारिक अशांति, देश में अशांती फैलेगी। आप की समझ काम नही करेगी । आप को सभी लोग कोरोना से पीड़ित दिखेंगे ।
-हमारे जो विचार होते है़ उसी अनुसार फल मिलता है । इसलिये विपरीत पारिस्थिति मेंं भी संकल्पों को श्रेष्ट बनाये ।
-भगवान का सिमरण करते हुए कोरोना से प्रभावित लोगों के प्रति कल्याण की भावना रखे । कल्याण की भावना से रोगी और प्रभावित लोगों का मानसिक बल बढ़ता है़ और उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी और वह रोग से बचे रहेगे ।
-कोरोना मेंं छोटे छोटे कदमो से आप अपना रास्ता विकास की ओर खोल सकते है ।
-हर रोज कोई अच्छा निर्णय ले और उसे पूरा करें ।
-कोरोना को हराने लिये निम्न निर्णय हो सकते है़
-जब भी प्यास लगेगी मैं गर्म पानी पिऊगा, मैं कोई ठंडी चीज नहीं खाऊंगा, ऐसी चीजे ज्यादा नहीं लूंगा जिस से ऐसीडिटी बढ़े, मैं मास्क लगा कर रखूंगा, लोगों से दूरी बना कर रखूंगा ।
-कोरोना मेंं अपनी भावना शुध्द हो, धोखा देने की ना हो, नुकसान करने की ना हो, चाहे कोई विरोधी भी हो ।
-याद रखो विचार के पीछे भावना क्या है उस अनुसार मन में शांति या अशांती महसूस होगी ।