वसीम रिजवी की किताब के बाद क्या इस्लाम की कयामत आने वाली है ?

वसीम रिजवी की किताब के बाद क्या इस्लाम की कयामत आने वाली है ?

- जैसे हिंदू धर्म में प्रलय की मान्यता है वैसे ही इस्लाम में कयामत की मान्यता है... लेकिन दोनों में बहुत बड़ा फर्क है...  हिंदू धर्म के लोग ये मानते हैं कि प्रलय के बाद फिर सृष्टि का सृजन होता है और ये चक्र ऐसे ही चलता रहता है 
दूसरी तरफ इस्लाम ये मानता है कि कयामत तभी आएगी जब सारे काफिर मुसलमान हो जाएंगे और पूरी धरती पर एक भी काफिर मौजूद नहीं रहेगा... यानी जैसे ही आखिरी काफिर की गर्दन कटेगी या वो जबरन मुसमलान बनाया जाएगा वैसे ही धरती आसमान फटेंगे और कयामत आएगी... और इसके बाद मुल्ला मौलवियों द्वारा आसमानी किताब में वर्णित ऊंचे ऊंचे स्तनों वाली हूरें मोमिनों को अय्याशी करवाएंगी... आसमानी किताब में वर्णित शराब के चश्मे भी कयामत के बाद प्रकट होंगे... हालांकी मिर्जा गालिब को आसमानी किताब में दिखाए गए जन्नती सब्जबाग पर यकीन नहीं था इसलिए उन्होंने एक शेर पढ़ा था... हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल बहलाने के लिए गालिब ये ख्याल अच्छा है ! 

-लेकिन वसीम रिजवी की किताब मुहम्मद के लॉन्च होने के बाद हमें ये लगता है कि शायद अब कयामत आने वाली है और ये कयामत किसी और धर्म में नहीं आएगी ये कयामत सिर्फ जिहादी मजहब के लिए ही आएगी यानी लगभग लगभग जिहादी मजहब का अंत हो जाएगा (बाकी सारे धर्म बचे रहेंगे) क्योंकि आज जमाना गूगल का है... आसमानी किताब की सारी आयतें इंटरनेट पर मौजूद हैं और लोग जैसे जैसे जागरूक होंगे वैसे वैसे आसमानी किताब की उन 26 आयतों के बारे में जानते चले जाएंगे जो कि गैरमुसलमानों के कत्ल करने का आह्वान करती है... इसके दो असर होंगे... पहला गैरमुसमलान सावधान हो जाएंगे दूसरा कोई भी गैरमुसमलान मुसलमान नहीं बनेगा... इस तरह जिहादी मजहब के विस्तार पर रोक लग जाएगी

-नोट करने वाली बात ये भी है कि मुल्ला मौलवी भी ये कहते हैं कि 15वीं हिजरी के अंदर कयामत आ जाएगी और इस वक्त 1443 हिजरी चल रही है..... हदीस में कयामत का समय भी यही बतलाया गया है... और वसीम रिजवी जिहादी मजहब की कयामत लेकर आ रहे हैं.... उन्होंने अपनी किताब में इस्लामिक किताबों के हवाले से ही जो बातें कही हैं उसने जिहादियों की चूलें हिला दी हैं.... जिहादी निरुत्तर हो गए हैं इसलिए उनकी कमलेश तिवारी की तरह उनकी गर्दन उड़ाने के मंसूबे बना रहे हैं... यानी पिलानिंग कर रहे हैं !

-वसीम रिजवी ने कहा है कि इस्लाम अपराधियों का एक गिरोह है... यहां अपराध सिर्फ वही नहीं कर रहा है जिसे अपराध करने का मौका नहीं मिल रहा है.... कुल मिलाकर आखिर में इसमें छंटे हुए अपराधी ही बचेंगे जिन्हें कानून व्यवस्था के तहत सुधार का मौका दिया जाएगा।

-गुजरात की पुलिस भरुच में धर्मांतरण के कुछ मामलों की जांच कर रही है... इसी केस में एक एनआरआई का नाम आया था जिसका नाम है... अब्दुल फेफड़ावाला... ये अब्दुल फेफड़ावाला वैसे तो लंदन में रहता है लेकिन गुजरात में गैरमुसलमानों का धर्मपरिवर्तन करवाने के लिए फंडिंग भी करता है... इसने अपने एक भाषण में कहा कि इंडोनेशिया में बहुत तेजी से मुसलमान हिंदू धर्म को अपना रहे हैं और 20-25 सालों के अंदर ही पूरा इंडोनेशिया दोबारा हिंदू हो जाएगा... हमने आपको वो आर्टिकल भी भेजा था जिसमें बताया था कि कैसे इंडोनेशिया के संस्थापक सुकर्णो की मुस्लिम बेटी सुकमावती ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था... 

-यहां ऊपर जितनी भी बातें लिखी गई हैं वो सब मुल्ला मौलवियों के वक्तव्यों के हवाले से ही कही गई हैं...  इसलिए किसी की भावनाएं आहत होने का प्रश्न नहीं उठना चाहिए.... बाकी अगर किसी की भावनाएं आहत हो जाए तो उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं क्योंकि कुरान का आदेश है कि सच बोले चाहे कुछ भी हो... तो हमने कुरान को ही फॉलो किया है ! 

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