तालिबानी मानसिकता पर कसा कानून का शिकंजा, मध्य प्रदेश के बाद अब असम में 14 गिरफ्तार
भारत में भी तालिबानी विद्रोहियों के समर्थन में लोग आगे आ रहे हैं। नेता, शायर से लेकर आम लोग भी तालिबान के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं। असम में पुलिस ने तालिबानी समर्थकों को धर दबोचा है।
मौलाना करीम
मौलाना यासीन
मौलाना बशीरुद्दीन
अबू सिद्दीकी
सैदुल
जावेद
मोज़िदुल
फारुक
सैय्यद
अरमान
नदीम
खांडाकर
मुजीब
मुर्तुज़ा
उनमें क्या आम है? वे सभी तालिबान समर्थक हैं। लेकिन हिमंता बिस्वा सरमा के असम में नहीं नही चलेगा। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अफगानिस्तान से सीखे सबक:
【1】आपका सपनों का घर, सपनों की कार, सपनों का जीवन, बैंक बैलेंस, कारोबार सब धूल में मिल जाएगा अगर आपका देश सशक्त नहीं है।
【2】 यदि आपके देश के पास कोई संपत्ति नहीं है तो आपकी संपत्ति बेकार है।
【3】आप मिनटों में शरणार्थी बन सकते हैं यदि आपके नेता आपको बेच दें और भाग जाएं।
कहानी का नैतिक सार: अपने राष्ट्र को सशक्त निर्माण करने में सहयोग करे… .. मजबूत नेतृत्व चुनें… नेताओं से मुफ्त की तलाश करने और आपको मुफ्त सामान लाने वालों को वोट देने के बजाय एक ऐसा नेता चुनें जो आपकी रक्षा के लिए खड़ा हो……। याद रखें कि आपका देश आपका परिवार है और आपको एक ऐसे पिता की जरूरत है जो आपको आगे बढ़ना सिखाए और आपको स्कूल नही जाने के लिए पीटें…ऐसा नेता न चुनें जो आपके अपने गुल्लक में बचाए गए पैसे से खरीदे गए उपहारों के साथ आए।