Everyone is Selfish. Is it true?

 व्यवहार से महत्वपूर्ण बने 

-लोगो की दिलचस्पी सिर्फ और सिर्फ खुद में होती है । 

-हमारा हर काम स्वार्थ द्वारा प्रेरित  होता है ।  स्वार्थ अच्छा भी होता  है और बुरा भी होता है । 

-आप जो दान देते है उसके पीछे स्वार्थ है क़ि  भगवान हमें बदले में लाख गुणा धन देगा । 

-जो लोग दूसरो से यह अपेक्षा रखते हैं  क़ि खुद में रूचि लेना छोड़ दें तो वे निराश और दुखी होते रहते हैं । 

-खुद के लिये काम करना आत्म रक्षा का सहज भाव हैं  जो हमारे मन में गहराई तक रचा बसा हैं। 

-अपने को महत्वपूर्ण समझे जाने का स्वभाव  जन्म से ही होता है  । 

-हम सभी अपने  स्वार्थ को सबसे ऊपर रखते है । यह लोक व्यवहार में सफलता पाने की  प्रमुख कुंजी है । 

-सम्मान और सराहना करके लोगो को महत्वपूर्ण महसूस कराने का अभ्यास 6 महीने   तक हर रोज करेगे तो वह आपकी स्थायी आदत बन जाएगी । 

-मनुष्य के मन में प्रबल इच्छा होती है क़ि उसे जो दियां गया है  वह भी बदले में उतने ही मूल्य की कोई  चीज लौटाए । 

-आप जो देगे बदले में वहीँ चीज दी जाएगी या कोई ऐसा काम किया जाएगा जो आप को पसंद होगा ।  

-अगर आप किसी पर उपकार करते है तो वह बदले में आप का उपकार सोचेगा । 

-अगर आप किसी  की  प्रशंसा करते  है तो बदले में  प्रशंसा मिलेगी । 

-अगर आप कोई नकारात्मक काम करते है तो बदले में नकारात्मकता ही  मिलेगी । 

- इसलिए हमें दूसरो से बात करते समय   मन ही मन उनके प्रति सोचते रहना चाहिये या भाव रखना चाहिये  क़ि आप महत्वपूर्ण है ।  आप के यह  संकल्प वह पकड़ लेगा और वह आप से प्यार से बात करेगा ।  ऐसा भाव रखने से आप को  किसी के प्रति नफरत भी  नहीं होगी । 

-परन्तु अनुभव यह है क़ि विरोधी व्यक्तियों के प्रति यह भाव नहीं उठता क़ि वह महत्वपूर्ण है । 

- ऐसे लोग जब भी सामने आयें तो मन में  शिव बाबा (भगवान ) या ब्रह्मा बाबा या अपने इष्ट को  मन में देखो और इष्ट को  कहते रहो आप महत्वपूर्ण हो ।  भगवान के प्रति हमारा यह भाव विरोधियो को भी महसूस होगा और वह बहुत अच्छी प्रतिक्रिया  करेंगे  । 

-अगर विरोधी घर में है तब भी मन में यही अभ्यास करें ।  उन पर आप का गहरा प्रभाव पड़ेगा । 

-अगर आप का कोई प्रिय व्यक्ति है और  आप चाहे कहीँ भी जाएं तो  मन में उसे कहते रहा करो आप बहुत महत्वपूर्ण हैं।  इस तरह आप पर किसी विरोधी के बुरे स्वभाव का असर नहीं होगा बल्कि वह आप को सहयोग करने लगेगें । 

-अगर आप का कोई भी प्रिय व्यक्ति नहीं है तब अपने शहर व दूसरे शहर का कोई भी व्यक्ति जिसे आप पसंद करते है परन्तु उस से कोई सम्पर्क नहीं है,  उसे मन में कहते रहो आप बहुत महत्वपूर्ण हैं।  आप के ये संकल्प सब को प्रभावित  करेंगे जो आप के मानसिक फ्रेक्वेन्सी  पर होंगे ।  

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