Hariyali Amavasya Par Kon kon se Ped lagane chahiye?

सनातन धर्म एक विज्ञानं पर आधारित धर्म है.  सनातन धर्म के अंतर्गत आने वाले सभी तीज त्यौहार के मनाये जाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है. हरियाली अमावस्या का वैज्ञानिक औचित्य हमारी भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना रहा है, पर्यावरण को संरक्षित करने की दृष्टि से पेड़-पौधों में दिव्य रूप को स्थान देकर पूजा का विधान दिया गया है। इस पर्व का जितना वैज्ञानिक औचित्य है उतना ही धार्मिक महत्व भी है। हरियाली अमावस्या पर्यावरण संरक्षण के महत्व और पृथ्वी को हरा-भरा बनाने का संदेश देती है। पेड़-पौधे प्रकृति का ऐसा अनुपम उपहार है, जो जीवन ऊर्जा से भरपूर है, जो न केवल जीवन को ऑक्सीजन देता है, बल्कि पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखता है। आज जब पूरी दुनिया में मौसम बदल रहा है तो यह अमावस्या सिर्फ एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि धरती को हरा-भरा बनाने के संकल्प का भी त्योहार है।

Hariyali Amavasya Par Kon kon se Ped lagane chahiye?


श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या 2021 में कब मनाया जाएगा?

हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या का व्रत और पर्व 8 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। स्नान दान के लिए अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, विशेष रूप से हवन, पूजा, श्राद्ध, तर्पण आदि करने के लिए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या सबसे उत्तम तिथि है।

वृक्षारोपण से क्या पुण्य  मिलता है?

शास्त्रों में हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण का विधान बताया गया है। भविष्य पुराण में उल्लेख है कि जिनके संतान नहीं होती उनके लिए वृक्ष ही संतान होते हैं। पेड़ लगाने से पेड़ में मौजूद देवता उपासकों की मनोकामना पूरी करते हैं। 

पीपल का पेड़ लगाने का क्या महत्व है?

दिन-रात ऑक्सीजन देने वाले पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है। पद्म पुराण में कहा गया है कि पीपल का पेड़ लगाने से व्यक्ति सैकड़ों यज्ञ करने से अधिक पुण्य प्राप्त करता है। पीपल के दर्शन से पापों का नाश, स्पर्श से लक्ष्मी की प्राप्ति और उनकी परिक्रमा करने से जीवन में वृद्धि होती है।

शमी  का पेड़ लगाने का क्या महत्व है?

 गणेश और शिव को प्रिय शमी का वृक्ष लगाने से शरीर निरोगी बनता है।

आंवला का पेड़ लगाने का क्या महत्व है?

 श्री हरि के प्रिय वृक्ष आंवला को लगाने से श्री की प्राप्ति होती है।

बिल्वपत्र  का पेड़ लगाने का क्या महत्व है?

 शिव की कृपा पाने के लिए बिल्वपत्र अवश्य लगाना चाहिए। अशोक को लगाने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं

अर्जुन, नारियल, बरगद के पेड़ लगाने का क्या महत्व है?

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अर्जुन, नारियल, बरगद का पेड़ लगाएं।

गुड़हल और अश्वगंधा के पौधे लगाने का क्या महत्व है?

 वहीं पीपल, नीम, बिल्व, गुड़हल और अश्वगंधा के पौधे लगाने से संतान सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

आकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी और तुलसी के पौधे लगाने का क्या महत्व है?

 तेज बुद्धि पाने के लिए आकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी और तुलसी लगाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या का महत्व क्या है?

नारद पुराण के अनुसार श्रावण मास की अमावस्या को पितृ श्राद्ध, दान, गृह और देवता पूजा और वृक्षारोपण जैसे शुभ कार्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

श्रावण मास में महादेव की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन विशेष रूप से हरियाली अमावस्या पर शिव-पार्वती की पूजा करने से उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है और प्रसन्न होकर वह अपने भक्तों की हर मनोकामना शीघ्र पूरी करते हैं।

अगर अविवाहित लड़कियां इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। इसके अलावा विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की कुंडली में काल सर्पदोष, पितृदोष और शनि होते हैं, उन्हें हरियाली अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक, पंचामृत या रुद्राभिषेक करने से लाभ मिलता है। इस दिन शाम को नदी के किनारे या मंदिर में दीपक दान करने का भी विधान है।

हरियाली अमावस्या के दिन अवश्य लगाएं पौधे

कुछ लोग सिर्फ दिखावा करने के लिए और कोई भी पेड़ लगाने के लिए पेड़ लगाते हैं, लेकिन वास्तविकता में बदलाव लाने के लिए, तो इस बार हमें कम से कम 5 पेड़ लगाने होंगे और वह भी पीपल, बरगद, नीम या तुलसी के और उनकी देखभाल भी करनी होगी। जब लगाये हुए पेड़ो की देखभाल करने का प्रण लिया जाएगा तभी पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होगा।

ध्यान दें, बारिश का समय है। सभी पर्यावरण प्रेमी देशवासी पीपल, बड़ या नीम के कम से कम 5 पेड़ जरूर लगाएं, उनकी भी देखभाल करें।

धरती माता को पहनने के लिए पेड़ों का एक सुंदर हार बनाये।

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