रक्षाबंधन का महत्व "राखी" कैसी हो?
रक्षाबंधन की प्रत्यक्ष कृति ..राखी बांधने
के बहन भाई पर होने वाले सूक्ष्म-स्तरीय
परिणाम, रक्षाबंधन विधि के समय बहन
भाई का भाव कैसा हो⁉
एवं नारियल पूर्णिमा की जानकारी ...
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आप सभी को रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं माँ काली हम सभी भाई बहनों की रक्षा करें ...…
रक्षाबंधन मात्र भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा का पर्व नहीं है बल्कि वास्तव में यह सभी सक्षम और सबलों द्वारा निर्बलों की रक्षा करने का और जो हमारी रक्षा करते हैं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का उत्सव भी है ...…
मानव की मानव द्वारा तो रक्षा होती ही है किन्तु सम्पूर्ण मानव जाति की रक्षा यह प्रकृति अपने अनेक रूपों के द्वारा न सिर्फ रक्षा करती है बल्कि पोषित भी करती है प्रकृति की इन्हीं कल्याणकारी शक्तियों को हम दैवीय रूप में पूजते हैं जैसे नदियां, वृक्ष आदि अतः रक्षाबंधन पर हम सबको सम्पूर्ण प्रकृति के प्रति न सिर्फ कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिये बल्कि इसके विभिन्न रूपों की अपनी सामर्थ्य अनुसार रक्षा करने का प्रयत्न भी करना चाहिये ...…
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है इस बार पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को सायँ 7 बजे से आरम्भ होगी और 22 अगस्त सायँ 5½ बजे तक रहेगी चूँकि रक्षाबंधन अपराह्न काल का पर्व है और पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त को अपराह्न काल में होगी अतः यह पर्व 22 अगस्त को मनाया जायेगा ...…
रक्षाबंधन पर भद्राकाल का विशेष ध्यान रखने को कहा जाता है और श्रावण पूर्णिमा तिथि में भद्राकाल को अनुपयुक्त माना जाता है अतः भद्राकाल का त्याग कर ही इस पर्व को मनाने की मान्यता है ...…
22 अगस्त को भद्रा जिसे कि विष्टि करण भी कहते हैं प्रातः 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगी अतः इस काल के बाद का समय ही रक्षाबंधन के लिये उपयुक्त है ...…
राखी बाँधने का सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त 22 अगस्त दोपहर 1:27 से दोपहर 4:02 तक है ...…
मेष राशि
मेष राशि वाले इस दिन यदि किसी बाग बगीचे की रक्षा का प्रण लेते हैं तो उन्हें जीवन में अनेक सुखों की प्राप्ति होती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले यदि इस शुभ तिथि पर गाय, पशु आदि की सेवा का प्रण लेते हैं तो उनके जीवन के अनेक कष्ट दूर हो जाते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों को इस दिन साग सब्जी, पशुओं का चारा, भोजन आदि की रक्षा करने का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से उनके जीवन के बड़े से बड़े कष्ट माँ हर लेती है।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों को इस दिन मानव निर्मित जल के स्रोतों की रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से उन्हें सौ यज्ञों से अधिक का पुण्य प्राप्त होता है और उनका जीवन सुख से व्यतीत होता है।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों को अपने से छोटों (पद में, धन में, शक्ति में, आयु में) की रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से उन्हें इस लोक में अमिट प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को किसी भी एक वृक्ष की सेवा तथा रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण हो जातीं है।
तुला राशि
तुला राशि वालों को इस दिन दूध तथा दूध से निर्मित पदार्थों तथा दुधारू पशुओं की रक्षा करने का प्रण लेना चाहिये इससे उनके प्रारब्ध के सभी दोष दूर हो जाते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को इस दिन प्राकृतिक जल स्त्रोत नदी, तालाब आदि की रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से जन्म जन्म के समस्त दोष दूर हो जाते हैं।
धनु राशि
धनु राशि वालों को पालतू पशुओं की रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से उन्हें जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती उनके सारे कार्य स्वयं ही सिद्ध हो जाते हैं।
मकर राशि
मकर राशि वालों को इस दिन औजारों तथा उपकरणों की रक्षा का प्रण लेना चाहिये इससे उनके जीवन में सदैव धन की प्रचुरता रहती है।
कुम्भ राशि
कुम्भ राशि वालों को सेवकों, सहायकों, असहायों आदि की सहायता का प्रण लेना चाहिये इससे उनके जीवन की आजीविका का संकट दूर हो जाता है।
मीन राशि
मीन राशि वालों को इस दिन जल में रहने वाले छोटे जीवों मछली, केकड़े आदि की रक्षा का प्रण लेना चाहिये ऐसा करने से वे जब भी किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को करना चाहेंगें तो उस कार्य में एक बार में सफल होंगें।