टेढ़े लोगो से व्यवहार
-कुछ ऐसे टेढ़े लोग होते हैं जो हर परिस्थिति को असाध्य बनाने में माहिर होते हैं ।
-उनका व्यवहार मुश्किले पैदा करता है । ऐसे टेढ़े लोगो को आप हरा नहीं सकते ।
-उनके अनुसार सभी गलतियां आप ने ही की हैं ।
-आप कितनी ही सफाई देने की कोशिश कर लें वह आप का पक्ष नहीं समझेंगे ।
-20 बार सफाई देने के बाद भी उन की नजर में दोषी आप ही हैं ।
-आप टेढ़े व्यक्ति पर उंगली उठाना शुरू न कर दें । आप उन से जीत नहीं पाएंगे । आप पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है ।
-टेढ़े लोगो के साथ संघर्ष की स्थिति में मन शांत रखना जरूरी है ।
-रोने या चिल्लाने से सामने वाला व्यक्ति और अधिक अड़ियल हो जाता है ।
-टेढ़े व्यक्ति के प्रति उदासीन रहने की भी जरूरत है ।
- गुस्से में ऐसी वैसी बाते न बोलो जिस से स्थिति बिगड़ जाए और बाद में पछताना पड़े ।
-कुछ भी हो जाए खुद को शांत रखें । वह टेढ़ा है मूर्ख नहीं है ।
-क्रोध में कहे गये शब्द बार बार आप के खिलाप प्रयोग किए जाएंगे ।
-टेढ़े लोगो की यादाश्त तेज होती हैं । पांच साल पहले की कही गई बात भी उन्हे ऐसे याद रहती है जैसे अभी की हो ।
-सभी गलतियां आप की हैं और आप पत्थर प्राकृति के हैं यह सिद्व करने की कोशिश करेगा ।
-उसके मन में यह भ्रम है क़ि सभी मुश्किल परिस्थितयां आप की ही वजह से हैं ।
-अगर टेढ़ा व्यक्ति घर में है तो हमें उस से काम भी लेना है । हमें उसके साथ बिना गतिरोध के रहना है ।
-जो भी समस्या है उसे ठीक करने की जुम्मेवारी आप की ही है । उसे ठीक करने का प्रयास मन से, बोल से और कर्म से, आप को ही करना है ।
-कई बार लगेगा अब उनके साथ रहना बर्दाश्त से बाहर है । डटे रहो, घर, दफ्तर या संस्था से भागना नहीं, धीरे धीरे आप की आदत बन जाएगी ।
-टेढ़ा व्यक्ति दूसरो के साथ सलीके से और हंस हंस कर बात करेगा परन्तु आपसे निकृष्ट व्यवहार करेगा । वह आप की किसी न किसी बात से आहत है ।
-उसके व्यवहार से दूसरे किसी को दिक्कत नहीं होती वह सिर्फ आप के लिये टेढ़ा है ।
-इस का मूल कारण यह है क़ि उसे आप से मन का प्यार नहीं मिल रहा । आप शिव बाबा को प्यार से याद करते रहो । इस से आप के मन से ऐसी स्नेह की तरंगे निकलेगी जो टेढ़े आदमी को बदल देंगी !