लोग यह शिकायत करते हुए नजर आते है कि उस फलने व्यक्ति का व्यवहार बहुत ही रुखा है? उससे कैसे बचे? सबसे जयादा तो हम सभी इस बारे में यह सोचते है कि रुखा व्यवहार करने वाले व्यक्ति के स्वभाव को कैसे बदले? किसी के भी स्वभाव को बदलना इतना आसन नहीं है जितना कि हम सोचते है. लोगो के स्वभाव या आदतों को बदलना ठीक उसी प्रकार है जैसे कि किसी जानवर जैसे कुत्ते को trained करना. यह एक लम्बा प्रोसेस होता है जो कि बहुत ही समय व धीरज के साथ पूरा किया जा सकता है. ऐसे में हम क्या करे?
यहाँ पर कुछ ऐसे टिप्स दिए गए है जिससे आप आसनी से रूखा व्यवहार करने वाले व्यक्ति से आसनी से छुटकारा पा सकते है. उसके साथ रहते भी हम खुश कैसे रह सकते है?
-हमारे जानने वालो में 50% लोग ऐसे होते हैं जिन से हम प्यार के साथ साथ घृणा भी करते हैं ।
-सभी का कोई न कोई विरोधी है जो रूखा व्यवहार करता है ।
-ऐसे रुखे लोग हमारी सेहत के लिये खतरा हैं । फिर भी हम इन को ढोते रहते हैं ।
-रूखा व्यवहार करने वाले अकेले पड़ जाते हैं तथा अकेलेपन की उदासी कई जटिलताओं को जन्म देती है ।
-जब कोई रूखा व्यवहार करता है या बदतमीजी करता है तो सब से पहले उन लोगो की आवाज तेज हो जाती है जिन से रूखा व्यवहार किया जाता है ।
-आप की आवाज तेज होने से यह पता चलता है क़ि उस इंसान की वजह से आप अपने पर काबू नहीं कर पाते ।
-तेज आवाज में बात करना किसी भी परेशानी का हल नहीं है ।
-तेज आवाज से बात न करें । मन में दूसरे लोगो को स्नेह दें । भगवान को याद करें ।
-रूखे व्यवहार के पीछे कारण क्या है उसे जाने ।
-यह किसी निजी परेशानी या परिस्थिति के कारण हो सकता है ।
-रूखे व्यक्ति से शांति और प्रेम से पेश आएं । किसी से शांति से बात करते हैं तो उस व्यक्ति का रूखापन दूर हो जाता है ।
-अगर आप हर ढंग आजमा चुके हैं और रूखे व्यक्ति में सुधार नहीं आता है तो खुद को परेशान करने के बजाय उस इंसान से किनारा करना शुरू कर दो ।
- अगर हमारी परिस्थिति ऐसी है क़ि हम रूखे व्यक्ति से किनारा नहीं कर सकते तब क्या करें ।
-रूखेपन का मूल कारण है प्यार की कमी । रूखे व्यक्ति को प्यार नहीं मिल रहा है तथा रूखे व्यक्ति के मन में भी प्यार पैदा नहीं हो रहा है ।
-प्यार पैदा न होने का कारण है कमजोरी ।
-शारीरिक कमजोरी या मानसिक कमजोरी ।
-कमजोरी के कारण मन उस केन्द्र में पहुंच जाता है जहां से ऐसी तरंगे निकलती है जो दुखदायी होती हैं ।
-ये तरंगे ऐसी होती है जैसे कहीँ कोई मुर्दा पड़ा हो । जहां मुर्दा है वहां से बदबू उठती रहती है । जब तक मुर्दा बाहर नहीं फेंका जाएगा बदबू आती ही रहेगी ।
-बदबू से बचने की दूसरी विधि है वह स्थान छोड़ दो जहां पर बदबू पैदा हो रही है ।
-अब अगर रूखा व्यक्ति घर में है तो उस के साथ ही रहना पड़ेगा । परन्तु साथ रहते हुए अपना मन शिव बाबा या इष्ट में लगाए रखें या किसी स्नेही व्यक्ति को मन में देखते रहो और भगवान के गुण गाते रहो क़ि आप प्यार के सागर हैं ।
-इस तरह अभ्यास करने से रूखे व्यक्ति का आप पर प्रभाव नहीं होगा । बल्कि आप से ऐसी तरंगे निकलेगी जो रूखे व्यक्ति को ही बदल डालेंगी !