जीवन की महानता उपलब्धियों मे नहीं बल्कि सम्बन्धों मे है । परंतु आज का संसार सम्बन्धो की प्रवाह नहीं करता । वह करोड़पति बनना चाहता है ।वह किसी भी सम्बन्ध को धोखा दे सकता है । यही कारण है कि आज चारो तरफ़ अशांति छाई हुई है । घर घर मे कलह है ।
-आप के साथी/साथियों मे जो प्रतिभा छिपी है उसे बाहर निकालने के लिये प्रेरित करो । अगर आप में प्रतिभा है और उन मे नहीं तो गाड़ी एक पहिये से नहीं चलेगी । उन्हे भी अपने जैसा महान बनाओ । यह न सोचो कि वह हमे छोड़ जायेगे । मिस्त्री लोगो वाली मानसिकता त्याग दो । मिस्त्री लोग अपने कर्मचारियों को अपना हुन्नर नहीं सिखाते । इसलिये वे सारी उम्र मिस्त्री ही रहते है ।
-मुखिया किसी को आगे नहीं आने देते है । वह बूढे और लाचार हो जाते है तब भी वह किसी दूसरे को चान्स नहीं देते । ये प्रेम नहीं है । ऐसी संस्थायें खूब बढ़ती है परंतु उनके देहांत के बाद टूट जाती है क्यों कि उनके सदस्य दूसरे लोगो की कमांड स्वीकार नहीं करते तथा न ही उन्हे कोई संस्था चलाने का अनुभव होता है । अपने जैसे अगली पीढी से सक्षम नेता व साथी तैयार करो ।
- हम सभी किसी न किसी स्तर पर मुखिया है । इसलिये अपने साथियों की प्रतिभा को निखारो । कैसे ? प्रेम से ।
-पति-पत्नी, अगर आप का साथी मोटा है, मोटी है, उसे आप बार बार कहते है पतला बनो, उसके लिये आप उन्हे कहते हो यह करो वह करो, परंतु करते नहीं । याद रखो यह सिर्फ भाषण रह जायेगा । आप कहेगे मै उसे अपने जैसा बना रहा हूँ । नहीं वह चिढ़ जायेगा । वह जब खुद पतला होने की इच्छा करे तब उसे यह या वोह करने की सलाह दे । नहीं तो आप के सुझाव प्रेम के रुप मे आलोचना और निंदा ही सिध्द होगे ।
-साथी के नजरिये से दुनिया देखो, उसके लिये क्या महत्वपूर्ण है। तब प्यार बढेगा और वह प्रत्येक काम करेगा ।
- जो चीज़ हमे अपने सपनो को हकीकत मे बदलने से रोकती है, वह है साहस की कमी । दूसरो का साहस बढ़ाओ तब आप का साहस बढ़ जायेगा और सब का दिल का प्यार भी मिलेगा ।
-उत्साह भरे शब्द बोलना आप के लिये मुश्किल हो सकता है । इसे सीखने की मेहनत करनी पड़ती है । आलोचना और निंदा के बजाय उत्साह बढ़ाने मे मेहनत करते है तो आप को सार्थक परिणाम मिलेंगे ।