Kya Bharat Ko Hindu Rasht Banana Chahiye?

  हिंदू राष्ट्र बनाना हिंदुओं के लिए आवश्यक नहीं आवश्यकता बन जाएगा

आने वाले समय में ऐसे ऐसे घटनाक्रम होंगे कि हिंदुओं को जान बचाने के लिए युद्ध करना ही पड़ेगा।  तुम कितना भी कहो कि हमें कुछ लेना देना नहीं हम तो आंख बंद करके बैठे हैं,  लेकिन जब जान पर पड़ेगी तो लड़ना ही पड़ेगा।  हिंदू राष्ट्र के लिए सामने आना ही पड़ेगा।  मुंह खोलकर कहना पड़ेगा हमें हिंदू राज(राष्ट्र) चाहिए।  आप इससे बच नहीं सकते  । यह काल का निर्णय है।

यह तालिबान गजवा ए हिंद करने आया है । यह हिंदुस्तान को निगलने के लिए ही शुरु हुआ है। पाकिस्तान के साथ जुड़ा हुआ है पहले दिन से । पाकिस्तान इसको सपोर्ट करेगा ताकि यह इंडिया के खिलाफ युद्ध में कबाईली विद्रोहियों को यूज कर सके। अमेरिका तो जानबूझकर इतने सारे हथियार और सब कुछ छोड़ कर चला गया है । उसने तालिबान को बहुत शक्तिशाली बना दिया है । अमेरीका इसकी सपोर्ट में है पहले दिन से।  चीन इसकी सपोर्ट करता है। चीन चाहता है  तालिबान और पाकिस्तान की सहायता से  वह भारत के लिए एक परेशानी बना दें । ताकि भारत सिर्फ चीन सेना से लडने के बजाय  भारत को दो मोर्चों पर लड़ाई करने के लिए बाध्य होना पडे।  रूस भी कह रहा है कि तालिबान को समय दो।  तालिबान को शासन चलाने दो ।अभी से उसका विरोध करना ठीक नहीं है । क्यों अमेरिका, चीन व रूस यह तीन विश्व की महाशक्ति तालिबान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान के साथ हैं।  इसका असर कहां होगा।

 यह आप देख लीजिएगा आज नहीं तो कल छह महीने से एक वर्ष में तालिबानी यह बंदूके यह जितना भी हथियार इनको मिला है यह सब हिंदुस्तान के बॉर्डर कश्मीर पीओके में ही आ जाएगा। यह भारत को ही अस्थिर करने की महा शक्तियों की चाल है। भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा से यह शक्तियां विचलित हो गई और यह कभी भी किसी को महाशक्ति बनना नहीं देना चाहती है। हम युद्ध नहीं चाहते ।  लेकिन यह हमारा युद्ध हो जाएगा।  यह युद्ध हम पर थोपा गया है। और धीरे-धीरे लोगों की समझ अपने आप आ जाएगा कि हिंदू राष्ट्र के सिवा आपका कोई बचाव नहीं है। हिंदू राष्ट्र जरूरी नहीं मजबूरी बन जाएगा । यह समय और कालचक्र है। यह भारत की धरती हमेशा एक हिंदू राज, सनातन धर्म की भूमि रही है।  और यह कालचक्र फिर दोबारा हिंदू राष्ट्र स्थापित करने में मदद करेगा।  विपत्ति भी आती है तो जो उसको सही से प्रयोग में लाता है वह उस में विजयी बनकर निकलता है । हो सकता है इस विपत्ति में हमारे लिए एक मौका हो ।

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