कांग्रेस शासित झारखंड की विधान सभा में नमाज़ के लिए अलग से दिया गया कमरा
झारखंड विधानसभा की नई बिल्डिंग में स्पीकर ने नमाज अदा करने के लिए एक कमरा आवंटित किया है. विधानसभा सचिवालय के मुताबिक 2 सितंबर को एक आदेश के तहत मुस्लिम विधायकों के लिए कमरा संख्या TW 348 आवंटित किया गया है, ताकि वे वहां नमाज पढ़ सकें.
झारखंड बना मुस्लिम तुष्टिकरण का केंद्र
◆ कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी का तालिबान को समर्थन
◆ विधानसभा में नमाज कक्ष
◆ मंदिर खोलने पर पाबंदी
◆ नियोजन नीति में हिंदी और संस्कृत को हटाया, उर्दू बरकरार
◆ धर्मांतरण की खुली छूट
◆ गौ तस्करी जोरों पर
◆ कोरोना के दौरान हिंदपीढ़ी मामला
◆ हिन्दू लिखने पर फल विक्रेता पर मुकदमा..
केवल नमाज कक्ष ही क्यूँ? मेरी तो झारखंड सरकार से आग्रह है कि विधानसभा परिसर में एक कब्रिस्तान का निर्माण भी किया जाए, ताकि एक दिन उसी कब्र में इस तुष्टीकरण राजनीति करने वाली सरकार को भी दफनाया जा सके।
वोट की राजनीति व तुष्टीकरण में कितने नीचे आ गए नेतागण―
उठते-बैठते धर्मनिरपेक्षता का जाप करने वाले जनप्रतिनिधि तुष्टीकरण के लिए कहां तक जा सकते हैं इसका उदाहरण झारखंड विधानसभा सचिवालय का वह आदेश है जिसमें मुसलमान प्रतिनिधियों को नमाज के लिए विधानसभा में कक्ष आवंटित किया गया है ...…
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें हर धर्म, मत, मजहब, पंथ को बराबर का दर्जा है ऐसे में किसी धर्म विशेष के अनुयायियों को विशेष सुविधा क्यों दी जाना चाहिए???
आज झारखंड विधानसभा ने यह निर्णय किया है कल आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी ऐसी मांग उठेगी आश्चर्य तो यह है कि छद्म धर्मनिरपेक्षतावादी सियासतदानों को वोट की राजनीति इतनी महत्वपूर्ण लग रही है कि वे सामाजिक-धार्मिक सौहार्द के ताने-बाने को तोड़ने में भी नहीं हिचक रहे !