आंध्र प्रदेश जहां बीजेपी की सरकार भी नहीं है वहां के तेनाली शहर में एक पिता पुत्र ने मोटर कार के पुर्जों से 2 टन का मोदी जी का चौदह फिट की मूर्ति बनाई है जो बंगलोर शहर में रखी जायेगी। अंदाजा लगाइए की 2024 में क्या होने वाला है।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी ने लोहे के स्क्रैप (Iron Scrap) का उपयोग करके प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की 14 फीट की मूर्ति बनाई है.
पिता-पुत्र की इस जोड़ी का नाम कटुरी वेंकटेश्वर राव और रविचंद्र हैं. वे दोनों तेनाली शहर में 'सूर्य शिल्प शाला' चलाते हैं. उनकी जोड़ी बेकार पड़े लोहे खासकर नट-बोल्ट से मूर्तियों को बनाने के लिए प्रसिद्ध है.
मूर्तिकार रविचंद्र ने कहा कि उन्होंने और उनके पिता वेंकटेश्वर राव ने इस मूर्ति को बनाने के लिए 2 महीने तक काम किया. इसके लिए 15 अन्य लोगों की सहायता ली गई. पीएम मोदी (Narendra Modi) की मूर्ति बनाने में 2 टन लोहे का इस्तेमाल हुआ. ये वह नट-बोल्ट थे, जिसे बेकार समझकर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने फेंक दिया था.
राव ने कहा कि पीएम मोदी (Narendra Modi) की प्रतिमा (Narendra Modi Iron Statue) को बेहतर लुक देने के लिए उसमें जीआई वायर का भी इस्तेमाल किया. उनके चश्मे, बाल और दाढ़ी को जीआई तारों जैसी सामग्री की जरूरत थी. जिसे जीआई वायर से पूरा किया गया.