इंदौर को लगातार पांचवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया

*स्वच्छ सर्वेक्षण :इंदौर को लगातार पांचवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, सूरत, विजयवाड़ा दूसरे और तीसरे स्थान पर,सबसे स्वच्छ गंगा शहर की सूची में वाराणसी पहले नंबर पर, दिल्ही का अतिनिराशाजनक प्रदर्शन*

*राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण में 28 दिनों में 4,320 शहरों में 4.2 करोड़ लोगों की राय ली गई ।*

*मध्यप्रदेश का इंदौर लगातार पांचवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है। शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को नंबर वन शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवाॅर्ड दिया। इस लिस्ट में इंदौर के बाद सूरत और विजयवाड़ा को रखा गया है।*

*पहली बार 160 करोड़ खर्च हुए थे, अब सिर्फ 50 करोड़ सालाना*
पहली बार गाड़ियां खरीदने और ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण कचरा प्रबंधन पर 160 करोड़ खर्च करना पड़े थे। अब यह खर्च सालाना 50 करोड़ पर आ गया है। पिछले साल 90% कचरा प्रबंधन शुल्क वसूला, जो 45 करोड़ था। गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, ऐसा जर्मनी में भी नहीं।

*कचरे से 20 करोड़ कमा रहे, तीन साल में 100 करोड़ पार होंगे*
इंदौर कचरे से अभी 20 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है। इसमें कार्बन क्रेडिट, CNG, कम्पोस्ट खाद, सीएनडी वेस्ट व सूखे कचरे से हो रही आमदनी शामिल है। एक्सपर्ट का मानना है कि जिस तेजी के साथ इंदौर कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है, आने वाले तीन साल में ही कचरे से हमारी कमाई 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।

*इसलिए हैं पूरे देश में हम नंबर वन*
◆  45 करोड़ रुपए कचरा प्रबंधन के लिए जनता दे रही
◆  137 किमी नदी-नालों की सफाई पर 343 करोड़ खर्च
◆  1200 टन कचरे का रोज निपटान कर रहा है इंदौर
◆  11364 सफाई मित्रों के हवाले है शहर की व्यवस्था

*इकोनॉमी पर असर: 1.74 लाख करोड़ हुई GDP*
सफाई में सतत अच्छे प्रदर्शन से इंदौर बड़े ब्रांड के रूप में उभरा है। IIM इंदौर के साथ भास्कर की स्टडी में सामने आया कि इन पांच वर्षों में इंदौर की GDP 1.74 लाख करोड़ तक जा पहुंची है। निवेश का आंकड़ा भी 30 हजार करोड़ हो गया है। IIM चेयरमैन डाॅ. हिमांशु राय के मुताबिक यही गति रही तो 5 साल में डेढ़ से दो गुना बढ़ जाएगी इंडस्ट्री। इंदौर देश के सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले शहरों में शुमार होगा।

◆  70 हजार करोड़ हुआ सालाना कारोबार
◆  800 एकड़ जमीन मांगी है शीर्ष उद्योग घरानों ने
◆  06 लाख लोगाें को सीधे रोजगार दे रहे उद्योग

*3 से 5 साल में डेढ़ गुना तक पहुंच सकती है उद्योगों की संख्या*
【1】मार्च 2021 में इंदौर को देश के म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स में पहली रैंक व ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में 9वां स्थान मिला। इसके पहले हम टॉप 20 में भी कहीं नहीं होते थे।
【2】हैदराबाद व पुणे के बाद इंदौर निगम ने बॉण्ड को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के डेट सिक्योरिटीज प्लेटफॉर्म पर लिस्ट किया। 70 करोड़ के ग्रीन शू विकल्प के साथ 100 करोड़ के बॉण्ड जारी किए।
【3】पांच साल में इंदौर की GDP 1.74 लाख करोड़ पर पहुंची। इसमें करीब तीन गुना का बदलाव दर्ज किया गया। पूरे मप्र में हम सबसे ऊपर और कुल हिस्सेदारी 19 फीसदी हुई।
【4】देश के सारे बड़े उद्योग समूह इंदौर आने को तैयार, मप्र में 7 इन्वेस्टर समिट हुईं, 6 इंदौर में। इंडस्ट्री में निवेश 30 हजार करोड़ पर पहुंचा, जो 5 साल पहले 10 हजार करोड़ था।

*सेहत पर प्रभाव: मलेरिया-डायरिया के केस में 80 फीसदी की कमी*
नदी की सूरत बदलने से शहर की सेहत भी बदल गई है। नदी किनारे रहने वाले लोगों में पानी से जुड़ी बीमारियों के मामलों में जबरदस्त गिरावट आई है. चंदननगर, विराटनगर, आजादनगर, मूसाखेड़ी और पीलियाखाल के डॉक्टर्स, संजीवनी केंद्र, सिविल डिस्पेंसरी पर की गई पड़ताल में खुलासा हुआ कि इन इलाकों में गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में 80 फीसदी तक की कमी आई है।

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