Neutral Rahne se kya hota hai?


*भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि धर्म-अधर्म के बीच में यदि आप NEUTRAL रहते हैं* अथवा NO POLITICS का ज्ञान देते हैं *तो आप अधर्म का साथ देते हैं―*

भीम ने गदा युद्ध के नियम तोड़ते हुए दुर्योधन को कमर के नीचे मारा *ये देख बलराम बीच में आए और भीम की हत्या करने की ठान ली ...*…
तब श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम से कहा *आपको कोई अधिकार नहीं है इस युद्ध में बोलने का क्योंकि आप न्यूट्रल रहना चाहते थे ताकि आपको न कौरवों का और ना ही पांडवों का साथ देना पड़े* इसलिए आप चुपचाप तीर्थ यात्रा का बहाना करके निकल लिए *...*…

*1.* भीम को दुर्योधन ने विष दिया तब आप न्यूट्रल रहे।

*2.* पांडवो को लाक्षागृह में जलाने का प्रयास किया गया तब आप न्यूट्रल रहे।

*3.* द्यूत क्रीड़ा में छल किया गया तब आप न्यूट्रल रहे।

*4.* द्रौपदी का वस्त्रहरण किया आप न्यूट्रल रहे।

*5.* अभिमन्यु की सारे युद्ध नियम तोड़ कर हत्या की गयी तब भी आप न्यूट्रल रहे।

*आपने न्यूट्रल रह कर* मौन रह कर *दुर्योधन के हर अधर्म का साथ ही दिया* अब आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप कुछ बोलें *...*…

क्योंकि धर्म-अधर्म के युद्ध में अगर आप न्यूट्रल रहते हैं *तो आप भी अधर्म का साथ दे रहे हैं ...*…

*आज हमारा ये देश 712 ई. से धर्म युद्ध लड़ रहा है और हर नागरिक इसमें एक सैनिक है ...*…

यदि मैं न्यूट्रल रह कर अधर्म का साथ देता हूँ तो मुझे भी अधिकार नहीं है शिकायत करने का कि देश में *ऐसा वैसा बुरा क्यों हो रहा है* अगर मैं उस बुरे का विरोध नहीं करता *...*…

*ये हर नागरिक का कर्त्तव्य है कि वो राष्ट्रहित में जो है उसका साथ दे !!!!!!!!!*

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