Bhagya Se Jayda aur samay se pahle kuch nahi milta-भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता.

  भाग्य से जयादा और समय से पहले किसी को कुछ नहीं मिल सकता है.  इश्वर सही आने पर सभी को उसके हिस्से का दे देते है.  जैसे एक बच्चा जब इस धरती पर जन्म लेता है तो भगवान उसके जन्म से पहले ही उसके खाने पीने व रहने कि व्यवस्था कर देते है.  माँ बाप के रूप में इश्वर उस बच्चे का पूर्ण रूप से ध्यान रखते है.

Bhagya Se Jayda aur samay se pahle kuch nahi milta-भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता.


 💐भाग्य💐

एक सेठ जी थे  -

जिनके पास काफी दौलत थी.!

सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी. 

परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया.  

जिससे सब धन समाप्त हो गया. 

बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की मदद करते हो, 

मगर अपनी बेटी परेशानी में होते हुए उसकी मदद क्यों नहीं करते हो? 

सेठ जी कहते कि 

"जब उनका भाग्य उदय होगा तो अपने आप सब मदद करने को तैयार हो जायेंगे..." 

एक दिन सेठ जी घर से बाहर गये थे कि, तभी उनका दामाद घर आ गया. 

सास ने दामाद का आदर-सत्कार किया और बेटी की मदद करने का विचार उसके मन में आया कि क्यों न मोतीचूर के लड्डूओं में अर्शफिया रख दी जाये... 

यह सोचकर सास ने लड्डूओ के बीच में अर्शफिया दबा कर रख दी और दामाद को टीका लगा कर विदा करते समय पांच किलों शुद्ध देशी घी के लड्डू, जिनमे अर्शफिया थी, दिये... 

दामाद लड्डू लेकर घर से चला, 

दामाद ने सोचा कि इतना वजन कौन लेकर जाये क्यों न यहीं मिठाई की दुकान पर बेच दिये जायें और दामाद ने वह लड्डुयों का पैकेट मिठाई वाले को बेच दिया और पैसे जेब में डालकर चला गया. 

उधर सेठ जी बाहर से आये तो उन्होंने सोचा घर के लिये मिठाई की दुकान से मोतीचूर के लड्डू लेता चलू और सेठ जी ने दुकानदार से लड्डू मांगे...मिठाई वाले ने वही लड्डू का पैकेट सेठ जी को वापिस बेच दिया.  

सेठ जी लड्डू लेकर घर आये.. सेठानी ने जब लड्डूओ का वही पैकेट देखा तो सेठानी ने लड्डू फोडकर देखे, अर्शफिया देख कर अपना माथा पीट लिया. 

सेठानी ने सेठ जी को दामाद के आने से लेकर जाने तक और लड्डुओं में अर्शफिया छिपाने की बात कह डाली... 

सेठ जी बोले कि भाग्यवान मैंनें पहले ही समझाया था कि अभी उनका भाग्य नहीं जागा... 

देखा मोहरें ना तो दामाद के भाग्य में थी और न ही मिठाई वाले के भाग्य में... 

इसलिये कहते हैं कि भाग्य से 

ज्यादा 

और... 

समय 

से पहले न किसी को कुछ मिला है और न मीलेगा!ईसी लिये ईशवर जितना दे उसी मै संतोष करो..

सदैव प्रसन्न रहिये !!!🌳

जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!!🌳

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